सोनभद्र ब्यूरो कार्यालय
रेणुकूट। भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थानीय शाखा में शुक्रवार को एक भव्य एवं गरिमामय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शाखा के सभी सक्रिय एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभिकर्ताओं को ‘महाराजा विक्रमादित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान शाखा परिसर को विशेष रूप से सजाया गया, जहां आकर्षक राज सिंहासन स्थापित कर अभिकर्ताओं को उस पर विराजमान कराया गया। सम्मान के प्रतीक स्वरूप उन्हें मुकुट पहनाकर तलवार भेंट की गई, जिससे समारोह का दृश्य अत्यंत भव्य और प्रेरणादायी बन गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात एक-एक कर सभी सक्रिय अभिकर्ताओं को सम्मानित किया गया। इस अनूठे सम्मान से अभिकर्ताओं में विशेष उत्साह और गर्व देखने को मिला। कार्यक्रम का उद्देश्य अभिकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाना तथा उनके उत्कृष्ट कार्यों को सार्वजनिक मंच पर सम्मान देना रहा।
इस अवसर पर शाखा प्रबंधक संतोष पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि “अभिकर्ता ही भारतीय जीवन बीमा निगम की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और ग्राहकों के प्रति ईमानदार सेवा के कारण ही एलआईसी आज देश की सबसे विश्वसनीय बीमा संस्था के रूप में जानी जाती है। निगम की प्रगति में अभिकर्ताओं की भूमिका सर्वोपरि है।” वहीं वरिष्ठ विकास अधिकारी डॉ. शशांक त्रिवेदी ने अभिकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “अभिकर्ता एलआईसी और आम जनता के बीच सेतु का काम करते हैं। उनकी कार्यशैली, व्यवहार और विश्वास ही निगम की पहचान को मजबूत बनाता है।

ऐसे सम्मान समारोह अभिकर्ताओं को और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं तथा प्रतिस्पर्धा की भावना को सकारात्मक दिशा देते हैं।” उन्होंने सभी सम्मानित अभिकर्ताओं को बधाई देते हुए भविष्य में और ऊंचे लक्ष्य हासिल करने का आह्वान किया। सहायक शाखा प्रबंधक संदीप बरनवाल ने कहा कि “आज अभिकर्ताओं की अथक मेहनत और लगन के कारण ही भारतीय जीवन बीमा निगम बीमा क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। अभिकर्ता न केवल योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाते हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का भी कार्य करते हैं।” कार्यक्रम के अंत में सम्मानित अभिकर्ताओं ने शाखा प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह सौहार्दपूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें शाखा के अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में अभिकर्ता उपस्थित रहे।











