अमिताभ मिश्रा/सोनभद्र

सोनभद्र। जनपद में अवादा फाउंडेशन ने प्राथमिक शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल की। फाउंडेशन ने न्यू प्रेम होटल में तीन दिवसीय शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पाणिनी पद्धति के माध्यम से सरल और प्रभावी शिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन अवादा फाउंडेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अजय शुक्ला ने किया। शिक्षण विशेषज्ञ श्रीमती रमा पोपली और चंद्रदीप पाण्डेय ने प्रशिक्षण सत्रों का संचालन किया। बासुहारी और चिचलिक विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षाकर्मी, प्रशिक्षु शिक्षक और शिक्षा सहायक इस कार्यक्रम में शामिल हुए।प्रशिक्षण में पाणिनी व्याकरण को रोचक तरीके से सिखाया गया। खेल, गीत और चित्रों के माध्यम से अष्टाध्यायी की संरचना समझाई गई। स्वर-वर्णों की वैज्ञानिकता और उच्चारण सुधार पर काम किया गया। संधि और प्रत्यय की अवधारणाओं को बच्चों की समझ के अनुरूप प्रस्तुत किया गया। शिक्षकों ने आइसक्रीम स्टिक, फ्लैशकार्ड, रंगीन बीज और शर्ट बटन जैसी रोजमर्रा की चीजों से गणित और भाषा की गतिविधियां सीखीं। उन्होंने समूहों में पाठ योजनाएं बनाईं और बाल-अनुकूल शिक्षण मॉडल का प्रदर्शन किया। फाउंडेशन की निदेशक ऋतू पटवारी ने कहा कि पाणिनी पद्धति भारत की समृद्ध भाषिक विरासत है। उनका प्रयास है कि इसे आधुनिक बच्चों की जरूरतों के अनुरूप प्रस्तुत किया जाए। कार्यक्रम के अंतिम दिन राकेश दुबे ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। अवादा के उपप्रबंधक महेश कुमार माथुर ने कार्यक्रम का संचालन किया।